बिहार के फंसे छात्रों और मजदूरों को घर वापसी के लिए मोदी सरकार के फैसले तक करना होगा इंतजार

पटना: 


जब तक केंद्र सरकार बिहार के प्रवासी मज़दूरों और छात्रों के वापसी के लिए कोई नीतिगत फ़ैसला नहीं कर लेती, तब तक उन्हें फ़िलहाल उसी शहर में रहना होगा. केंद्र सरकार ने पटना हाईकोर्ट को बताया है कि चूंकि ये मामला सर्वोच्च न्यायालय में भी लंबित हैं तो इसलिए अगले सोमवार तक इस संबंध में क्या निर्णय हुआ हैं, तब सूचित कर पायेगी.




इस बीच, मंगलवार को इस मुद्दे पर सुनवाई के बाद पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कोटा में फंसे छात्रों को भोजन या मेडिकल जो भी सहायता उन्हें चाहिए जल्द मुहैया कराने का निर्देश दिया. हालांकि ये मामला केंद्र सरकार के अनुरोध पर अगले मंगलवार तक स्थगित कर दिया गया हैं. केंद्र ने सोमवार तक इस मामले में हलफ़नामा दायर करने का वादा किया हैं. दरअसल ये मामला इसलिए पेचीदा हो गया हैं क्योंकि बिहार सरकार ने ये कहकर हाथ खड़े कर दिए हैं कि केंद्र ने जो नियम बनाये हैं उसके तहत ये ख़ुद से इस संबंध में पहल नहीं कर सकती.


हालांकि राज्य के आपदा राहत विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत का कहना हैं कि कोई भी राज्य के बाहर जिसका बैंक अकाउंट और आधार कार्ड हैं वो हमारे ऐप पर आवेदन देकर एक हजार रुपये की फंसे हुए लोगों के लिए शुरू की गयी स्कीम का लाभ उठा सकता हैं. कोटा के छात्रों के लिए राज्य सरकार वहां के ज़िला प्रशासन से हमेशा संपर्क में रही हैं.